हरिओम पवार की कविता : भारत का इतिहास

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  1. वाह, बहुत ही गजब की कविता, गजब आवाज में सुनवाई है। बहुत सहमत हूँ कविता से।
    घुघूती बासूती

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  2. अच्छी कविता । धन्यवाद

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