Home सदविचार आँख के अंधे को..... आँख के अंधे को..... Author - personप्रवीण त्रिवेदी Friday, October 03, 2008 0 share आँख के अंधे को दुनिया नहीं दिखती, काम के अंधे को विवेक नहीं दिखता,मद के अंधे को अपने से श्रेष्ठ नहीं दिखता औरस्वार्थी को कहीं भी दोष नहीं दिखता।चाणक्य Tags सदविचार Facebook Twitter Whatsapp Newer Older