Home सुख आत्मप्रियता में राजा का हित नहीं आत्मप्रियता में राजा का हित नहीं Author - personप्रवीण त्रिवेदी Monday, October 13, 20080 minute read 0 share प्रजा के सुख में ही राजा का सुख और प्रजाओं के हित में ही राजा को अपना हित समझना चाहिए। आत्मप्रियता में राजा का हित नहीं है, प्रजाओं की प्रियता में ही राजा का हित है।चाणक्य Tags प्रजाराजासदविचारसुख Facebook Twitter Whatsapp Newer Older