अब हर न्याय पंचायत में एक शिक्षक को सम्मान

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प्रदेश सरकार अब राज्य स्तर के साथ-साथ न्याय पंचायत स्तर पर भी बेसिक शिक्षा विभाग के एक सर्वश्रेष्ठ शिक्षक को सम्मानित करेगी। सम्मानित होने वाले शिक्षक को पांच हजार रुपये पुरस्कार स्वरूप दिये जाएंगे। इस तरह प्रति वर्ष लगभग आठ हजार न्याय पंचायतों से एक-एक शिक्षक सम्मानित होगा।इस आशय की घोषणा राजधानी में बेसिक शिक्षा मंत्री डा. धर्म सिंह सैनी ने की। वह यहां माध्यमिक और बेसिक शिक्षा विभाग के ‘राज्य अध्यापक पुरस्कार’ के लिए चुने गए शिक्षकों के सम्मान में पांच वर्ष बाद आयोजित समारोह में बोल रहे थे। श्री सैनी ने कहा न्याय पंचायत स्तर पर शिक्षक सम्मान के बाबत जनवरी 2009 तक निर्णय हो जाएगा। अब तक बेसिक शिक्षा के 17 और माध्यमिक शिक्षा के नौ अध्यापकों को हर वर्ष ‘राज्य अध्यापक पुरस्कार’ के लिए चुना जाता रहा है जबकि प्रदेश में बेसिक शिक्षकों की संख्या लगभग पांच लाख एवं माध्यमिक शिक्षकों की संख्या करीब एक लाख है। बेसिक शिक्षा विभाग में न्याय पंचायत पर पुरस्कार देने के फैसले से शिक्षकों को प्रोत्साहन मिलेगा।
उधर मां शारदे की वंदना और स्वागत गीत के रंगारंग कार्यक्रमों के बीच समारोह में गुरुवार को वर्ष 2003, 2004, 2005, 2006 व 2007 में राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए चुने गए बेसिक शिक्षा के कुल 85 और माध्यमिक शिक्षा के 45 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। शिक्षकों को पुरस्कार स्वरूप दस-दस हजार रुपये के अलावा एक मेडल, शाल, प्रमाण-पत्र मिला और दो वर्ष का सेवा विस्तार व रोडवेज में नि:शुल्क यात्रा की सुविधा दी गयी। मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद माध्यमिक शिक्षा मंत्री रंगनाथ मिश्र ने सम्मान पाने वाले शिक्षकों को राष्ट्र निर्माता बताया। वहीं प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा व प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा ने पांच वर्ष तक सम्मान समारोह न होने पर खेद जताते हुए भरोसा दिलाया कि अब हर वर्ष राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों के सम्मान में समारोह होगा।

(समाचार स्त्रोत-दैनिक हिंदुस्तान)

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  1. शिक्षको के सम्मान में प्रतिवर्ष सम्मान समारोह आयोजित किए जाना चाहिए. गुरुओ का सम्मान करना हमारे देश की पुरानी परम्परा रही है . जानकारी के लिए धन्यवाद.

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  2. एक प्राईमरी या मिडल स्कूल के अध्यापको के लिए आप सजग प्रहरी के रूप में आप सक्रिय है यह खुशी की बात है वरना तो सरकारी प्राईमरी या मिडल स्कूल के अध्यापको एवं छात्रों की आज क्या दिशा एवं दशा है यह किसी सामाजिक एवं प्रबुध्ध व्यक्ति से छिपी नही है .

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