बच्चों को क्यों कराएँ तरह-तरह की गतिविधियाँ

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बच्चे विद्यालय में काफी देर तक रहते हैं , माहौल और परिस्थितियों से कभी कभी उनका मन पढ़ाई से उचटने लगता है वे अपने मन को स्थिर-चित्त नहीं कर पाते हैं इन परिस्थितियों में गतिविधियों द्वारा शिक्षण को रोचक बनाया जा सकता हैहमें ध्यान रखना चाहिए की प्राथमिक शिक्षा के सरकारी विद्यालयों में पंखे होते और ही पीने का ठंडा पानी ! अतः इन परिस्थितियों में गतिविधियों की उपयोगिता वैसे भी बढ़ जाती हैआइये सबसेपहले समझे की गतिविधियाँ क्यों जरूरी हैं ? फ़िर उनकी विशेषताओं के बारे में समझने का प्रयास करेंगे

गतिविधियाँ
क्यों ?


1 पाठ्यवस्तु को रोचक /मजेदार बनाती हैं।
2. सीखने की प्रक्रिया को सरल बना देती हैं।
3. बच्चे को खुद सोचने अथवा करने को प्रेरित करती हैं।
4. गतिविधियाँ बच्चे के लिए उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होती हैं।
5. बच्चे को अभ्यास के द्वारा दक्षता विकास के अवसर देती हैं।
6. समस्याओं के निराकरण के लिए नवीन परिस्थितियाँ उत्त्पन्न करती हैं।
7. बच्चों को भयमुक्त करती हैं।
8. बच्चों की झिझक दूर करती हैं।
9. शिक्षक और बच्चों के बीच संबंधों को सुखद बनाती हैं।

अच्छी गतिविधि की विशेषताएं

एक अच्छी गतिविधि की निम्नांकित विशेषताएं होती हैं।
1. गतिविधि बच्चों को रुचिकर हो। (सुखद/आनन्ददायी)
2. अधिकांश बच्चे गतिविधि में प्रतिभाग कर रहे हों।
3. बच्चे उसे महत्वपूर्ण समझते हो। (बच्चों के लिए उपयोगिता)
4. गतिविधि में किसी प्रकार का भय या तनाव न हो। (स्वतंत्रता की अनुभूति)
5. गतिविधि में कुछ नया करने या सोचने के अवसर हों। (सृजनशीलता)
6. गतिविधि में चुनौती तथा प्रतियोगिता/प्रतिस्पर्धा की भावना हो।
7. गतिविधि में अपने विचारों या अनुभवों को प्रकट करने का समान अवसरहो।
8. गतिविधि के द्वारा बच्चों में उत्सुकता या जिज्ञासा उत्पन्न हो सके।
9. गतिविधि में स्वयं करके सीखने के पर्याप्त अवसर हों।
10. गतिविधि में खुलापन/लचीलापन हो।

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