कुछ भाव गीत गतिविधियों के रूप में करा के तो देखें

2


पढ़नालिखना सीखो मेहनत करने वालों

पढ़नालिखना सीखो मेहनत करने वालों

पढ़ना लिखना सीखो मेहनत करने वालों

को पहचानों, अलिफ को पढ़ना सीखो

को हथियार बनाकर लड़ना सीखो

पढ़ना लिखना सीखो ––––––––––––

पढ़ो कि हर मेहनतकश को उसका हक दिलवाना है

सड़क बनाने वालो, बोझा ढोने वालो

पढ़ो अगर इस देश को अपने ढंग से चलाना है

बोझा ढोने वालो, हल चलाने वालों

पढ़ना लिखना सीखो ––––––––––––



यह गीत दूरदर्शन पर मेरे द्वारा 10 वर्ष पहले लगभग सुना गया थायह भी एक अच्छा भावगीत है जिसे गतिविधि के रूप में सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में प्रयोग किया जाता रहा हैजिस महानुभाव द्वारा यह रचित हो वह बधाई के पात्र हैंउनको मेरा साधुवाद!मेरा आभार !

Post a Comment

2Comments
  1. मेरा साधुवाद भी रचनाकार तक पहुँचे..और आपको आभार.

    ReplyDelete
  2. साथी


    मैं इस गीत को नेट पर ढूंढ रही थी

    तो मुझे आपका बलॉग मिला

    गीत पढ़ा तो आधा अधूरा सा लगा

    फिर परिकल्‍पना प्रकाशन की पुस्‍तक
    'समर तो शेष है' में यह गीत पूरा मिला

    आपको भी भेज रही हूं :


    पढ़ना–लिखना सीखो ओ मेहनत करने वालो
    पढ़ना–लिखना सीखो ओ भूख से मरने वालो

    क ख ग घ को पहचानो,
    अलिफ को पढ़ना सीखो
    अ आ इ ई को हथियार
    बनाकर लड़ना सीखो
    ओ सड़क बनाने वालो, ओ भवन उठाने वालो
    ख़ुद अपनी किस्‍मत का फैसला अगर तुम्‍हें करना है
    ओ बोझा ढोने वालो, ओ रेल चलाने वालो
    अगर देश की बागडो को कब्‍जे में करना है
    क ख ग घ को पहचानो,
    अलिफ को पढ़ना सीखो
    अ आ इ ई को हथियार
    बनाकर लड़ना सीखो

    पूछो मजदूरी की खातिर लोग भटकते क्‍यों हैं?
    पढ़ो, तुम्‍हारी सूखी रोटी गिद्ध लपकते क्‍यों हैं?
    पूछो, मां-बहनों पर यों बदमाश झपअते क्‍यों हैं?
    पढ़ो, तुम्‍हारी मेहनत का फल सेठ गटकते क्‍यों हैं?

    पढ़ो, लिखा है दीवारों पर मेहनतकश का नारा
    पढ़ो, पोस्‍टर क्‍या कहता है, वो भी दोस्‍त तुम्‍हारा
    पढ़ो, अगर अंधे विश्‍वासों से पाना छुटकारा
    पढ़ो, किताबें कहती हैं - सारा संसार तुम्‍हारा
    पढ़ो कि हर मेहनतकश को उसका हक दिलवाना है
    पढ़ो, अगर इस देश को अपने ढंग से चलवाना है
    क ख ग घ को पहचानो,
    अलिफ को पढ़ना सीखो
    अ आ इ ई को हथियार
    बनाकर लड़ना सीखो

    ReplyDelete
Post a Comment