मूल्यांकन क्यों और किसका ?

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यदि आप थोड़ा सा भी सोंचे तो पायेंगे कि मानव किसी न किसी रूप मे अपना मूल्यांकन करता आया है और उस मूल्यांकन के आधार पर अपनी जीवन दशा को निर्देशित करता आया है / हम यह भी जानते हैं की एक ग़लत मूल्यांकन किसी के भी जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है / फ़िर जब बच्चों की बात हो हो तो यह अति आवश्यक है की उनका मूल्यांकन सोच समझकर , कई अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओं को ध्यान मे रखकर किया जाए क्योंकि आपके और हमारे द्वारा किया गया बच्चों का मूल्यांकन , बच्चों की जीवन दशा को बदलने की क्षमता रखता है /
अभी तक मैंने जो भी बात कही वह बच्चों के इर्द - गिर्द ही रही है , परन्तु यह विचारणीय है की क्या वास्तव मे मूल्यांकन सिर्फ़ बच्चों का ही होता है ? आप और हम अपने दिन याद करें / आप को सिर्फ़ एक-दो शिक्षक ही क्यों पसंद आते थे और उन शिक्षकों द्वारा पढाये गए विषयों मे आप अव्वल आते थे , परन्तु अन्य विषयों मे उतने अच्छे नहीं थे / इससे कम से कम यह तो पता चलता है कि कमजोर आप नहीं थे परन्तु कहींकंही गडबडी तो हुई पर कंहाँ ? कैसे? क्या दोष शिक्षक मे था या शिक्षक द्वारा अपनाई गई शिक्षण पद्दति का या मूल्यांकन करने वाली विधि का या कँही और ?
यह गंभीर तथा विस्तृत विश्लेषण ही निर्णय देने का आधार बन जाएगा कि वास्तव मे बच्चा कितना सीख पाया / अगर कम सीखा तो क्यों और पूरा सीख गया तो कैसे ?
मूल्यांकन सम्बन्धी कुछ महत्वपूर्ण बिन्दु पह्चाने जा सकते हैं :-
  • मूल्यांकन से निकली हर जानकारी का उपयोग किया जाए /
  • बच्चों को आपस मे भी मूल्यांकन करने का अवसर दिया जाना चाहिए /
  • शिक्षक अपने /अन्य विद्यालय के शिक्षकों के साथ बैठकर स्वयं का मूल्यांकन करे /
  • मूल्यांकन बच्चों मे एक कौशल के बाद दूसरा कौशल विकसित करने मे सहायक हो /
  • यह महसूस करना और कराना आवश्यक है कि मूल्यांकन भी पाठ्यक्रम का एक हिस्सा , इसे उभारना आवश्यक है /
  • मूल्यांकन बच्चों मे डर पैदा करने वाला न हो ,वरन इसे वे खुशी - खुशी स्वीकार करले / इसके लिए आवश्यक है की इसे पूर्ण व रोचक बनाया जाए /
  • प्रारम्भ मे ही यह स्पस्ट किया जन चाहिए की मूल्यांकन केवल बच्चों का ही नहीं होता वरन बच्चों द्वारा शिक्षकों का भी होता है / इसी प्रकार समुदाय द्वारा भी शिक्षकों , बच्चों की उपलब्धियों तथा स्कूल का समग्र मूल्यांकन किया जाता है/

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  1. प्राइमरी स्कूल मे कारया कर रहे अध्यापकों से जुड़ी समस्यायों वा छवि को लेकर एक अंतर्द्वंद का ही परिणाम ये मेरा ब्लॉग है / मेरा मानना है की जान्हा एक प्राइमरी का मास्टर अपने को अपडेट नहीं रख पता यही उसकी सबसे बड़ी समस्या है , वहीं जान मानस को चाहिए की कुछ पूर्वाग्रहों को प्राइमरी के मास्टर के प्रति अपने मान से हटा देना चाहिए /
    कृपया सभी सदस्यों से अनुरोध है की समय निकल कर ब्लॉग को देखें और उपयोगी सुझाव दें तो बड़ी मेहरबानी होगी/
    http://www.primarykamaster.blogspot.com/

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  2. अच्छा विश्लेषण. जारी रहिये, शुभकामनाऐं.

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